wada tha har pal sath nibhane ka Ek duje ki khatir sar maula pas jhukane ka kya hua unke wade ka wo khud hi jane aaj jasan mana rhe mere barbad ho jane ka ........Ankit........
आप का इस्तक़बाल है हमारी छोटी सी इत्तेहाद ऐ अदब की महफ़िल में हम उम्मीद करेंगे के आपको हमारी शायरी पसंद आये यहाँ कुछ हम कुछ दोस्त शुरुआत कर रहे है। शायरी का मुकाम हासिल करने के लिए बस आप सब की दुआए चाहिए यहाँ आपको शायर गुलज़ार राजा अंसारी नसीम सिद्दीकी ख़ान जी मोहम्मद हारिस नसीम आज़मी हकीम दानिश मोहम्मद सरवर अली खान रहीश पीतमपुरी और कई शायर मिलेंगे
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उन्नति और विकास की सीढ़ी का प्रथम पायदान शिक्षा से आरम्भ होता है: लियाकत
अली रफी मेमोरियल स्कूल
क़ब्र तक से निकाले क़फ़न क़ब्रिस्तानो के हालात खराब हमारे लिए...
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