शनिवार, 23 मई 2015

*माँ*

मुझको गोदी में ले लो' फिर से माँ
होगी ना फिर कोई' खता फिर  से माँ

पास थी मेरे'तो अहमियत न हुई मालूम
बिन तेरे ज़िन्दगी में' तन्हा बहुत हूँ माँ

झूठा है ये ज़माना' मुझे अच्छा नही लगता
तेरे जैसा माँ' मुझे कोई सच्चा नही लगता

कहती थी अक्सर' मान जा मुझे सताने से
आउंगी ना कभी पास तेरे'रोने और मनाने से

दर्द अपना अब मैं' सुनाऊँ जाके किसको
चली गई रूठके जब तुम ही' मुझसे माँ

लिख लिखके आ गए आंसू तेरे गुलज़ार के
अब तो आ जाओ तुम' इक बार' फिर से माँ

गुलज़ार राजा अंसारी

09997973503

Previous Post
Next Post

About Author

0 comments: