सोमवार, 18 मई 2015

ताज़ा ग़ज़ल अभी जाग ही रहा हु,

~~~~~~~ ताज़ा ~ग़ज़ल~~~~~~~

अभी जाग ही रहा हु में तनहा और अकेला,
सोचा के क्या कमी है तेरी याद आ गयी।

ऊपर को देखा तारे देखे और देखा चाँद,
बातो ही बातो में तेरी बात आ गयी।

वैसे तो हर वक्त हर घडी तुझे याद किया,
कितने मिले मुझे पर दिल अपना तझको दिया,
न होता इंतज़ार है अब ख्वाब में ही आ मिल,

देख चाँद निकला फलक पे वो रात आ गयी।
सोचा के क्या कमी है, तेरी याद आ गयी।

ये जानता हु तेरे है लब पे भी ज़िक्र मेरा,
कोई क्या बिगाड़ लेगा जब साथ भी हो तेरा,
सोचा था दोनों चल के आज जश्न मनाएंगे,

वो लेके अपने हाथो में सौगात आ गयी।
सोचा के क्या कमी है तेरी याद आ गयी।
हकीम दानिश
मोबाईल नंबर +919997868744

Previous Post
Next Post

About Author

1 टिप्पणी: