हाँ ये सच है जीने का कोई अरमान नहीं अब
तुझसे बिछड़ कर दिल का कोई मेहमान नहीं अब
मेरी ज़िन्दगी भी अब मुझसे पनाह मांगती है
तनहा दिल पे फ़राज़ कोई मेहरबान नहीं अब
तेरा साथ था तो जानती थी सारी दुनियां मुझको
तुझसे होके जुदा किसी से जान पहचान नहीं अब
बैठा कर मेरे यार पास बहलाते हैं मुझे
हूँ मैं भी समझदार कोई नादान नहीं अब
#सरफ़राज़_अहमद
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