रविवार, 11 जून 2017

प्रेम का एहसास

प्रेम का एहसास

प्रेम अलग है, जीवन अलग है, समाज अलग है,  प्रेम इन सब बातो से परे है, प्रेम समाज से परे होकर जीता है और वो उसका अपना ही समाज होता है. प्रेम की असफलता के कई कारण हो सकते है पर प्रेम के होने का सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण हो सकता है और वो प्रेम ही है.

                                                    प्रेम का एहसास

प्रेम हमेशा ही अधुरा होता है. जिसे हम पूर्णता समझते है, वो कभी भी प्रेम नहीं हो सकता. प्रेम का कैनवास इतना बड़ा होता है कि एक ज़िन्दगी उसमे समाई नहीं जा सकती है. जब आप प्रेम में होते है तो आपको पता चलता है कि आप एक ज़िन्दगी भी जी रहे है…..और ज़िन्दगी ; परत दर परत ज़िन्दगी के रहस्य खोलती है. जिसे आप सिर्फ प्रेम ही समझते है और प्रेम में ही जीते है…. और ऐसा जादू सिर्फ और सिर्फ प्रेम में ही होता है…! जैसे कि अब हो रहा है मेरे साथ !