*ग़ज़ल*
दिल की बात दिल में 'छुपा के रखना
मोहब्बत को ज़माने से'बचाके रखना
चराग मोहब्बत के जलाओ ख़ुशी से
आँधियों से इनको' बचाके रखना
मिल जाए गर मोहब्बत में'ज़ख्म तुम्हे
ज़ख्मो को ज़माने से' बचा के रखना
फूल ऐ गुलाब तोड़ना ख़ुशी से तुम
हाथो को कांटो से' बचाके रखना
देखनी है खामियां दुसरो में तुम्हे'तो
पास अपने भी तुम' आईना रखना
इश्क ऐ मोहब्बत में कंगाल मत होना
*गुलज़ार*
वालीदेन के लिए'मोहब्बत' बचाके रखना
राईटर~गुलज़ार राजा
09997973503
वाह माशयहा अल्लाह (इश्क ऐ मोहब्बत में कंगाल मत होना
जवाब देंहटाएं*गुलज़ार*
वालीदेन के लिए'मोहब्बत' बचाके रखना)
वाह माशयहा अल्लाह (इश्क ऐ मोहब्बत में कंगाल मत होना
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वालीदेन के लिए'मोहब्बत' बचाके रखना)