रविवार, 31 मई 2015

रोज़ नयी नज़्म हकीम के साथ

आज की ये नज़्म बिल्ला गढ़ को मदद नज़र रखर हुए लिखी है।
  31/05/2015
सारी दुनिया के मुस्लिम परेशान है।
सारी दुनिया के मुस्लिम परेशान है।

आज हरियाणा का भी यही हाल है।
सब के सब अपने घर से भी बेहाल है।

कितनी जाने गयी कितने घर है जले,
लूटा उनके घरो का भी सब  माल है।
सारी दुनिया के मुस्लिम परेशान है।
सारी दुनिया के मुस्लिम परेशान है।

कहते हो हम को आतंकवादी सभी,
जबकि देश की सरहदों के निगेहबान है।

कहते है हम को दहशत गर्द यहाँ,
जबकि खुद सब के सब एक हैवान है।

सारी दुनिया के मुस्लिम परेशान है।
सारी दुनिया के मुस्लिम परेशान है।

सियासत के एक तरफ़ा फैसले देखकर,
सियासते गैर मुल्क भी तो हैरान है।
जो है बापू का कतली वो है देश भक्त,
हम तो देश के हो के भी बैईमान है।

सारी दुनिया के मुस्लिम परेशान है।
सारी दुनिया के मुस्लिम परेशान है।
हकीम दानिश

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