गुरुवार, 30 जुलाई 2015

नारी की सुन्दरता


दोस्तों प्रकृति बहुत सुन्दर है, चाहे हम चाँद तारोँ की बात करेँ या सुन्दर शीतल हवा की अथवा काश्मीर की वादियोँ की या फिर शिमला की। मन को मोह लेने वाली सुन्दरता हर जगह मौजूद है परंतु सभी प्रकार की सुंदरता मेँ भारी पडती है किसी नारी की सुंदरता। 

आपने तो सुना ही होगा कि विश्वामित्र जिन्होने अपनी तपस्या से भगवान की सृष्टि से अतिरिक्त एक नई सृष्टि की रचना कर दी एक अप्सरा मेनका के सौंदर्य मेँ फँस गये और तपस्या को भूलकर मेनका से विवाह करके साथ रहने लगे। इन्ही विश्वामित्र और मेनका की पुत्री शकुन्तला के पुत्र भरत हुए जिनके नाम पर हमारे देश का नाम भारत है। जब बडे बडे तपस्वी नारी की सुंदरता मेँ फँसकर पथभ्रष्ट हो जाते हैँ तो साधारण इंसान की क्या औकात, लेकिन क्या सुंदरता किसी को हमेशा के लिये बाँधकर रख सकती है। नहीँ क्योँकि यदि ऐसा होता तो कोई तलाक ही न होता। सलमान की शादी कब की हो गई होती,रणबीर-दीपिका, बिपासा-जान अब्राहिम किसी का भी ब्रेक अप नहीं होता और न ही करण सिंह ग्रोवर और जेनिफर अलग होते। अपने आस पास तो हर जगह ऐसे केसेज आप देखते ही होँगे। 


सुंदरता किसी भी रिश्ते के लिये महत्व नहीँ रखती और यदि कोई रिश्ता का आधार सुंदरता है तो वो रिश्ता आज नही तो कल टूट ही जाता है। किसी भी रिश्ता को चलाने के लिये आवश्यक है, उनके बीच मे विश्वास, केमिस्ट्री और समर्पण, भावनात्मक जुडाव और सबसे ज्यादा महत्व रखता है प्यार!
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