इत्तेहाद ऐ अदब : ॥ मजदूर ॥ ------------- बना देते है अक्सर बड़ी बिल्डिग बड़े मकान फिर भी ना मिल पाता इनको रोटी कपड़ा और मकान काम करते है सभी मिल के बाप बेटों का होता जुटान बड़ी मुश्किल से मिल पाता इनको सूखी रोटी कच्चे मकान पसीना बहाते हैं दिनभर ये होता पसीने का अपमान इनके बच्चे को ना मिल पाता अच्छी शिक्षा और अच्छा ज्ञान कब सुधरेगी हालत इनकी कब होगा इसका समाधान कब मिलेगी इनको भी रोटी कब ना होगें ये परेशान कब मिलेगी खुशी इनको कब खुश होगा ये इंसान कब इनके बच्चे पाएँगे अच्छी शिक्षा और अच्छा ज्ञान बना देते हैं अक्सर बड़ी बिल्डिग बड़े मकान -::::::::::अंकित::::::::::::::-
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