शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015
शनिवार, 17 अक्तूबर 2015
मोदी
उफनता समंदर हूँ सारी लहरें झाड़ देता हूँ !!
छोटे-मोटे मोदी तो राह चलतें पछाड़ देता हूँ !!
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उखाड़ सको तो उखाड़ लो आ कर अंधभक्तो,
भरी महफिल में अपना झंडा गाड़ देता हूँ !!
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हिन्दी - उर्दू से जन्मा एक ऐसा तमाचा हूँ,
गलती से गाल छू लूँ तो उंगलियां उचाड़ देता हूँ !!
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शेरानी शख्सियत बाजू ए मर्दे मुजाहिद हूँ,
जहाँ पकड़ लूँ पाव-सेर गोश्त उखाड़ देता हूँ !!
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सुनामीयों का मालिक, तुफानों का शहंशाह हूँ,
हस्ती के साथ-साथ बस्ती उजाड़ देता हूँ !!
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Rahishpithampuri786@gmail.com
रविवार, 11 अक्तूबर 2015
बुधवार, 7 अक्तूबर 2015
मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015
शनिवार, 3 अक्तूबर 2015
प्यार के गलियों में
जब भी तुझसे मेरा सामना हो गया
उस घड़ी मेरा 'मैं' लापता हो गया
तुमने भूले से नाम ए वफ़ा क्या लिया
मेरा जख्म ए जिगर फिर हरा हो गया
क़त्ल करते हैं जो पूछते हैं वही
कुछ तो कहिये तो क्या माजरा हो गया
दुश्मनों की तरफ से फिकर अब नहीं
दोस्ती में दग़ा सौ दफ़ा हो गया
इस जमाने में दिल की खैर हो
मौत का अब सरल रास्ता हो गया
जिसने दुनिया को जीता वो इंसान सरवर
जिसने खुद को ही जीता खुदा हो गया