ना राह चलते रिशतो कोनिलाम करती है बेटिया ना
वालिद के इजजत को सरेआम करती है बेटिया
मुशकिल घडियो मे हर पल साथ निभाती है बेटिया
पकत माॅ बाप की जान होतीहै बेटिया
बुढापे मे अकसर झुॅझलाते है बेट मगर
उनहे पयार से सजाती है बेटिया
दुःखी होने पर भी हर पल
वालिद को देख मुसकुराती है बेटिया
इक नही दो-दो वालिदो कोसंभालती है बेटिया
सास-ससुर पे भी जानलुटाती है बेटिया
शायद इसलिए हर रिशते मे उचच पायदान पाती है
बेटियाॅ :::::::अंकित::::::::::
वालिद के इजजत को सरेआम करती है बेटिया
मुशकिल घडियो मे हर पल साथ निभाती है बेटिया
पकत माॅ बाप की जान होतीहै बेटिया
बुढापे मे अकसर झुॅझलाते है बेट मगर
उनहे पयार से सजाती है बेटिया
दुःखी होने पर भी हर पल
वालिद को देख मुसकुराती है बेटिया
इक नही दो-दो वालिदो कोसंभालती है बेटिया
सास-ससुर पे भी जानलुटाती है बेटिया
शायद इसलिए हर रिशते मे उचच पायदान पाती है
बेटियाॅ :::::::अंकित::::::::::
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