बुधवार, 12 अप्रैल 2017

कट गई

घड़ियां तवील खौफ़ की बारिश मे कट गई
फिर एक रात मौत की ख्वाहिश मे कट गई
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दुनियां से भाई - चारा निभाने के बावजूद
गर्दन हमारी आपसी रंजिश मे कट गई
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इक दिन मिला ना वक्त इबादत के वास्तें
मेरी पतंग ए उम्र नुमाइश मे कट गई
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.......... RAEES BASHAR
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