रविवार, 17 मई 2015

सांप ☆★

जिसकी खातिर भरोसे संभाल रखे थे ।
उसने चाकू, छुरी निकाल रखे थे ।

गम नही कमजर्फ मेरा यकीन डस् गया,
हमने ही आस्तीन में सांप पाल रखे थे ।

(भाई ये आप के लिए तो बिल्कुल नहीं था ह्ह्ह्ह्हा)

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