मंगलवार, 19 जुलाई 2022

21वीं सदी

21वीं सदी
गया दौर दाई का हॉस्पिटल में बच्चा होता है
मां रोती है दर्द से और बाप पैसों से रोता है

बाल गोपाल थे नाम हमारे थे मनके दिल के हम सच्चे
आजकल सब शैतां है अब डायपर में हगे बच्चे

आजकल के बच्चे देखो एक बार में 10 का खारे हैं
हमसे पूछो 1 रूपये में कितने दिन गुजारे हैं

दो दो सेटिंग रखते हैं जिस्मों की हवस मिटाने को
ओयो में जाते हैं लौंडे डिजिटल इश्क निभाने को

लडको के बाप के पैसों से डार्लिंग पार्लर में सजे धजे
मां गाली देके जगाती है बच्चों को दोपहर 1 बजे

दूसरी सेटिंग देख के लड़के पर जो लड़की अगर भड़की
फोटो वायरल मीडिया पे और फांसी लगा रही लड़की

तुम बाद में मर जाने के उसके, सोचो इश्क सच्चा था
अरे तुम्हारी डिजिटल मोहब्बत से दो हमारा प्यार अच्छा था


हमारे दौर में सिर्फ इश्क होता था इसके नाम पे नहीं खिलवाड़ होते थे
लड़कियां होती थी पापा की परियां और लड़के मां के राजकुमार होते थे

कोई लड़की किसी के बिना

कोई लड़की किसी के बिना
घर समाज तो दूर की बात मैं तुम्हारे लिए खुदा से भी लड़ जाऊंगी
किसी ने हमसे भी कहा था कभी कि तुम ना मिले तो मर जाऊंगी

अब चार चार समाज सेवकों से नैन लड़ा रही है फिर भी उसकी इच्छा नी भरती
सब कहने सुनने की बातें हैं मेरी जान कोई लड़की किसी के बिना नी मरती

इश्क करने से पहले दौलत कमा लेना मेरे दोस्त ये हुशन वाले सिर्फ पैसों को जानते हैं
खाली जेब के साथ चाहे जितनी भी वफाएं कर लो आखरी में पापा नी मानते हैं


वो बेवफा है तो इसके जिम्मेदार हम भी है किसी पे भी आंखमींच के भरोसा करना गलत है
ख़ैर, गलती तुम्हारी भी नही सब को शुरू शुरू यही लगता है कि मेरी वाली सबसे अलग है

अगर मेरी तुम्हारी सबसे अलग होती तो किसी और के घर की चौखट नी चढ़ती
सब कहने सुनने की बातें हैं मेरी जान कोई लड़की किसी के बिना नी मरती

हम सोचते हैं उसकी आंखों में हमारे लिए सिद्दत वाली मोहब्बत उभर आएगी
हाथ की नस काटने की धमकी दे देते हैं शायद डर जाएगी

अरे भाई तुम हाथ काटो या गला वो क्या तुम से डरेगी जो बाप से नी डरती
सब कहने सुनने की बातें हैं मेरी जान कोई लड़की किसी के बिना नी मरती