मैं एक फूल हूं कागज़ का जला सकती हो
गर न मैं जला तो दिल में बसा सकती हो
लब पर मेरे रहती है एक मुस्कान हमेशा
तुम गर चाहो तो उसे चुरा सकती हो
नसीम आज़मी
मैं एक फूल हूं कागज़ का जला सकती हो
गर न मैं जला तो दिल में बसा सकती हो
लब पर मेरे रहती है एक मुस्कान हमेशा
तुम गर चाहो तो उसे चुरा सकती हो
नसीम आज़मी
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