आज की ताज़ा ताज़ा नज़्म पेशे खिदमत है
25/05/2015
अपनी तारीफों से जेब भरना नहीं है !!
दुःख हो जिससे किसी को वो काम करना नहीं है!!
जुर्म के खिलाफ में तो बोलता रहूँगा !!
अब किसी शख्श से मुझको डरना नहीं है !!
बस बहुत हो गए टुकड़े रिश्तों के अब तो !!
अब किसी अपने से मुझको लड़ना नहीं है !!
मेंरा साथ है सब दोस्तों के लिए !!
अब किसी बात से मुझको मुकरना नहीं है !!
बस बहुत हो गया मज़लूमो पे ज़ुल्म हकीम !!
अब तुम हारी जेलो में सड़ना नहीं है !!
अब अगर कुछ हुआ तो सीधा जिहाद करेंगे !!
बालटे आंसुओ से अब तो भरना नहीं है !!
बहुत क़त्ल मासूमो के तुमने किये है !!
अब सज़ा के बिना ज़ख्म भरना नहीं है !!
के जिन रास्तो पे भटक में भी जाऊ !!
हा उन रास्तो से गुज़ारना नहीं है !!
वो बुज़दिल है कायर है डरपोक है
जिसको इस्लाम के नाम पे मरना नहीं है !!
शायर ~हकीम दानिश मोबाईल नंबर +919997868744
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