वो बुत बनकर मुण्डी फिरा लेते है,
मुख से मर्यादा का भाव स्पष्ट नहीं होता ।
कैसी विडंबना और लाचारी रही होगी,
मानों तीर लगा पर कष्ट नही होता ।
जो मंदीर अपवित्र हो जाते है,
पिछड़ी जाति के मात्र छू लेने से,
"सनी लियोन,, भले तांडव कर आऐ पर,
पंडीत, विद्वान, भगवानों का धर्म भ्रष्ट नहीं होता ।
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