मचलती, मदहोश मेरी बाहों में लुडक कर देख लो ।
जवानी भी एक पकवान है जरा चख कर देख लो ।
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एक रास्ता है जैसे आनंद के सागर में गोते लगाने का,
यकीन न हो तो तकिया पैरों के बीच रख कर देख लो ।
Rahishpithampuri786@gmail.com
आप का इस्तक़बाल है हमारी छोटी सी इत्तेहाद ऐ अदब की महफ़िल में हम उम्मीद करेंगे के आपको हमारी शायरी पसंद आये यहाँ कुछ हम कुछ दोस्त शुरुआत कर रहे है। शायरी का मुकाम हासिल करने के लिए बस आप सब की दुआए चाहिए यहाँ आपको शायर गुलज़ार राजा अंसारी नसीम सिद्दीकी ख़ान जी मोहम्मद हारिस नसीम आज़मी हकीम दानिश मोहम्मद सरवर अली खान रहीश पीतमपुरी और कई शायर मिलेंगे
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