सोमवार, 29 जून 2015

सच है 100%

मचलती, मदहोश मेरी बाहों में लुडक कर देख लो ।
जवानी भी एक पकवान है जरा चख कर देख लो ।
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एक रास्ता है जैसे आनंद के सागर में गोते लगाने का,
यकीन न हो तो तकिया पैरों के बीच रख कर देख लो ।
Rahishpithampuri786@gmail.com

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