बुधवार, 10 जून 2015

लश्कर डूबो देगा ।

मुझको उसकी जुदाई का मंजर डूबो देगा ।
मेरी दुल्हन दोस्ती का रहबर डूबो देगा ।

कल जिसे बैठकर तेरा किस्सा सुनाया था,
मेरी जिंदगी में जहर वहीं अजगर डूबो देगा ।

सज-संवर ले चाहें जितना लाल-पिले रंगो से,
तेरी हल्दी मेहंदी को नालियों में मेहतर डूबो देगा ।

यकीन था मुझको तेरी मोहब्बत में दम नहीं,
मेरी आशिकी का शौक सारा लश्कर डूबो देगा ।

आज मेरे ही रिश्तेदार मेरे अब्बा से कह गए,
लौंडा इश्क में पड गया है तेरा घर डूबो देगा ।

मेरे आंसुओं के प्यासों मनादी जश्न में कर दो,
इसके आंसूओ में सच्चाई है बहकर डूबो देगा ।

सदमे में मुझको देख मेरा यार कहता है,
तु गमों का बादल मत बन पुरा शहर डूबो देगा ।

Rahishpithampuri786@gmail.com

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