शैखी बघार लोग होशियारी धर के बैठते है ।
अमल से कोसों दुर थोबड़ा कर के बैठते है ।
होली मे पानी बचाओ के रट्टेधारी अफसोस,
अपने कुलर के गले तक पानी भर के बैठते है ।
Rahishpithampuri786@gmail.com
शैखी बघार लोग होशियारी धर के बैठते है ।
अमल से कोसों दुर थोबड़ा कर के बैठते है ।
होली मे पानी बचाओ के रट्टेधारी अफसोस,
अपने कुलर के गले तक पानी भर के बैठते है ।
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