गुरुवार, 11 जून 2015

सवाल ☆★

फिरकापरस्त मुस्लिम नाव के किनारे क्या होंगे ।
फिरका ही बस सहारा है तो बे सहारे क्या होंगे ।

मौत के आगोश में मेरे यार मुझे कहकर छोड गए,
तुम अपनी जात के नही होते तो हमारे क्या होंगे ।

कहीं सिया कहीं सुन्नी तो कहीं जिहादी है,
या खुदा फिरकों की मस्जिदों के मिनारे क्या होंगे ।

एक कयामत आ गई है भाई से भाई लड रहा,
तो उस आग उगलने वाले दज्जाल के नजारे क्या होंगे ।

Rahishpithampuri786@gmail.com

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