सोमवार, 31 अगस्त 2015

किमत

बिना शोर के शोरगुल, भूचाल की क्या कीमत !!
रईसों की कद्र है सबको, कंगाल की क्या कीमत !!
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कविता कतई मुकम्मल नही कद्रदानों के बगैर,
खरीदार के बिना लाखो के माल की क्या कीमत !!
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चर्चा स्वयंवर का कर दे, तेरी हर मांग पूरी हो जाएगी,
बिना भिड़ के होने वाली हडताल की क्या कीमत !!
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Hakeem की दुआ लगेगी तुझे, और जख्म दे मुझे,
बिना मालदार मरीजों के अस्पताल की क्या कीमत !!
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फुर्सत में तराशा बदन बंजर है मुझ अंधे के लिए,
बिना नैनो के मिघनैनी नैनिताल की क्या कीमत !!
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Rahishpithampuri786@gmail.com

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