मंगलवार, 18 अगस्त 2015

आएंगे

ना फकीर पूछने आएंगे, ना मालामाल पूछने आएंगे !!
ना ही मेरे अजीज मुझसे हाल चाल पूछने आएंगे !!
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जिंदगी अपनी कविता में मैंने कैसे जाया की मोहतरम,
ना कद्रदान पूछने आएंगे, ना कव्वाल पूछने आएंगे !!
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वो मेरी बर्बाद जिंदगी, मेरे अमाल पूछने आएंगे !!
मुझसे खुदा के बंदे कफन के अंतराल पूछने आएंगे !!
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उनके होठों पर होगा मेरे गुनाहों का हिसाब किताब,
सिर्फ़ फरिश्तें मुझसे कब्र में सवाल पूछने आएंगे !!
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Rahishpithampuri786@gmail.com

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