चुडियां चीख पढती है के पायल चीख पढता है ।
नामे मेहबूब से तो हर घायल चीख पढता है ।
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मेरे जख्मों को न कुरेदो दुनियां के आशिको
कविता नाम ले कोई तो शायर चीख पढता है ।
चुडियां चीख पढती है के पायल चीख पढता है ।
नामे मेहबूब से तो हर घायल चीख पढता है ।
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मेरे जख्मों को न कुरेदो दुनियां के आशिको
कविता नाम ले कोई तो शायर चीख पढता है ।
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