आ गया कैसा जमाना जान घबराने लगी |
अब फटीचर लड़किया भी कार से आने लगी |
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जिस उमर मे कांपते थे हम मुहब्बत नाम से
उस उमर की बच्चियाँ अब इश्क़ फरमाने लगी |
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दूध के दांतों से पहले टूट जाती दिल लगी,
चाँद को मेहबूब सुरज आग बतलाने लगी |
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अब नही रहती शरारत गुलबदन के होठ पर,
गुलबदन के होठ दुनिया चूस कर खाने लगी |
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इस बला के साथ फोटो खिंचने के वास्तें,
उस बला के आशिकों में लूट मच जाने लगी |
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बंदिशो को छोड़कर शर्मों हया जाने लगी,
चूसकर होंठो से शर्बत जिस्म पर आने लगी |
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खूब देता है तरक्की सर्विसों का दौर भी,
फोन पर ही दुल्हनों की नत उतर जाने लगी |
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