कातिलों ने फिर से शौहरत लूट ली |
एक बस्ती से शराफत लूट ली |
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चीखतीं चिल्ला रही थी "अस्मतें,,
ज़ालिमों ने फिर भी इज्ज़त लूट ली |
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मिन्नते करते रहे वो रात भर,
डाकुओं ने जिन से दौलत लूट ली |
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चम चमाते थे मुहल्ले में सभी,
हादसे ने सब से राहत लूट ली |
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जब खबर आई सुबह अखबार में,
वाकिये ने खूब जिल्लत लूट ली |
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▪○ Rahish Pithampuri ○▪
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