सोमवार, 15 फ़रवरी 2016

लूट ली

कातिलों ने फिर से शौहरत लूट ली |
एक  बस्ती   से  शराफत   लूट  ली |

चीखतीं  चिल्ला  रही  थी "अस्मतें,,
ज़ालिमों ने फिर भी इज्ज़त लूट ली |

मिन्नते   करते   रहे   वो  रात   भर,
डाकुओं  ने  जिन से  दौलत लूट ली |

चम  चमाते   थे  मुहल्ले   में    सभी,
हादसे  ने  सब  से  राहत   लूट  ली |

जब  खबर  आई  सुबह अखबार में,
वाकिये  ने  खूब  जिल्लत  लूट  ली |

http://www.facebook.com/rahishpithampurifans
http://ittehadeadab.blogspot.in/?m=1
http://­www.youtube.com/c/­rahishpithampuri
▪○ Rahish Pithampuri ○▪

Previous Post
Next Post

About Author

0 comments: