गुरुवार, 28 जनवरी 2016

छोड़ दे.....

ख्वाब में मुझको सताना छोड़ दे |
बेवफा अब हक़ जताना  छोड़ दे |

____ गर् छुपाना है मुहब्बत के निशां,
____ आँख में काजल लगाना  छोड़ दे |

खाक कर  देंगे  तुझे ए गुलबदन,
अश्क  से  मेरे  नहाना  छोड़  दे |

____ बाँधकर सहरा चला हूँ मौत को,
____ कत्ल से मुझको डराना छोड़ दें |

जानता  हूँ   हुस्न  की  जादूगरी,
जादु  मुझपे आज माना छोड़ दे |

____ हर अदा से हूँ तेरी वाकिफ सनम,
____ तीर नजरों  के चलाना  छोड़ दे |

उठ  रही  है  बेवफाई  की  लहर,
रेत  से  कह  दो घराना छोड़ दे |

____ बद्दुआ  से "डर,, गरीबों की 'रइस,
____ हर किसी के घर जलाना छोड़ दे |

रइश - अमीर

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