मेरी रूह तुम्हारी है जाना
मेरी शादी हो रही है अब
मैं जान तुम्हारी पहचाना
मैं ज़ख्म जुदाई का लूंगी
तुम दर्द भरा नगमा गाना
है तुम्हें कसम ओ जान मेरी
मेरी शादी में जरूर आना
तू शेर के रहते कुत्ता पाले
ऐसा थोड़ी होता है
जिसको चाहे गले लगा ले
ऐसा थोड़ी होता है
इश्क करें हम दोनों फिर भी
दर्द मेरे हिस्से आए
तू फेरे ले हम फूल उछाले
ऐसा थोड़ी होता है
मैं घर वालों से नाता तोडूं
ये भी अच्छी बात नहीं
तेरी खातिर सब को छोडूं
ये भी अच्छी बात नही
तू सारे जग के सामने मुझको
बेवफा बज्जात कहे
चुपचाप खड़ी में हथेली जोड़ू
ये भी अच्छी बात नही
तेरे गुरुर के टुकड़े
ताजे ताजे में होंगे
लोग रोते हुए
गाजे-बाजे में होंगे
तुम मुझे छोड़कर जाना
चाहती है चली जा
मगर ये याद रखना कि
तेरी बारात से ज्यादा लोग
मेरे जनाजे में होंगे
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