सोमवार, 19 सितंबर 2022

जाने दो

पैर में जूते हाथ में बस्ता जाने दो
ज़िद छोड़ो अब छोड़ो रस्ता जाने दो
मैंने दी अंगूठी तुमने फूल दिया
किसका महंगा किसका सस्ता जाने दो
कल का वक्त तुम्हारा है पर आज मेरी
मां घर पे देख रही है रस्ता जाने दो
रोक नहीं सकते मुझको ये अश्क तेरे
ठीक नहीं है इतना गुस्सा जाने दो

ये जूते बस्ता महंगा सस्ता जाने दूं
मैं रोऊं ओर तुझको हंसता जाने दूं 
आज मेरी सगाई है मैं घिर जाऊं
तुम कहते हो छोड़ू रास्ता जाने दूं 

है इश्क में जाने कैसी आग जलते हैं
तू हंसती है तो लोग बाग जलते हैं
इस अमर प्रेम को कास्ट नहीं मिलने देगी 
चलो कहीं हम दूर भाग चलते हैं

जमीं फिसलेगी कहर बाप पे आसमान ढा लेगा 
हमारे भागने की खबर सुनते ही नजरें झुका लेगा 
मां तो सह लेगी दर्द दूसरे बच्चों का कर ख्याल 
लगी जो बाप की इज्जत दांव पे फांसी लगा लेगा
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