नकाबपोश भी जलवे दिखा के चलते है
अजीब शौक है पर्दा उठा के चलते है
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हरेक शय हुई है खाक दीद से उनकी
नसीब हम भी चलो आजमा के चलते है
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तमाम जिंदगी पैरों में रौंदते वाले
ज़नाज़ा कद के बराबर उठा के चलते है
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गिरे हुए को उठाना है मुखतलिफ जज्बा
उठे हुए को तो सारे गिरा के चलते है
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अजीब सा नया फैशन चलन मे आया है
शरीफ लोग भी काॅलर चडा के चलते है
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✒.... RAEES BASHAR
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