मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017

चलते है

नकाबपोश भी जलवे दिखा के चलते है
अजीब  शौक  है  पर्दा उठा के चलते है
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हरेक  शय  हुई है खाक दीद से उनकी
नसीब हम भी चलो आजमा के चलते है
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तमाम   जिंदगी   पैरों   में   रौंदते  वाले
ज़नाज़ा कद के बराबर उठा के चलते है
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गिरे हुए को उठाना है मुखतलिफ जज्बा
उठे  हुए  को  तो  सारे  गिरा के चलते है
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अजीब सा नया फैशन चलन मे आया है
शरीफ लोग भी काॅलर चडा के चलते है
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✒....  RAEES BASHAR

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