रविवार, 25 दिसंबर 2016

कब्र मे मैं हूं वो है पर्दे मे....

इश्क़  मेरा  फना  नही  होता ।
तू  अगर  बेवफा  नही  होता ।
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कब्र  मे  मैं  हूं  वो  है  पर्दे  मे,
आमना  सामना  नही  होता ।
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बेरूखी  बद् कलामी  रूसवाई,
अब मुहब्बत मे क्या नही होता ।
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दिल अगर सोचकर लगाते हम
तो  कोई  हादसा  नहीं होता ।
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दूर  रह  के  करीब  हो  जैसे,
रूहों  मे  फासला नही होता ।
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.............Rais pithampuri
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