गुरुवार, 8 दिसंबर 2016

फिदेल कास्त्रो

साम्यवाद, समाजवाद और अधिनायकवाद के इस लाल सितारे का अस्त एक ऐसे समय में हुआ है जब व्यक्तिवाद को सत्ता पर कब्ज़े के लिए बंदूक की बजाय मतपेटियों का सहारा मिल रहा है। व्यक्ति और विचार के बीच का अंतर निरंतर महीन हो रहा है। अमेरिका में एक नई तरह की लाल चादर चढ़ी है और इधर इसे लाल सितारे का अस्त हो जाना, प्रतीक रूप में ही सही, महत्वपूर्ण तो है ही। फिदेल कास्त्रो क्रांति से आगे क्या? के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे। क्या अच्छा हो सकता है, नायकवादी निरंकुश सत्ता अच्छा करना चाहे तो कैसे और बुरा तो कैसे, दोनों ही उनकी नीतियों, भाषणों और सिद्दांतों के जरिए परिभाषित होते रहेंगे। क्रांति के बारूद से अपने नायकत्व की सिगार जलाने वाले फिदेल कास्त्रो को लाल सलाम!!

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