कांधें से कांधा मिलाकर सबके साथी बन जाना ।।
हंस कर विदा करना, न जज्बाती बन जाना ।।
.
सुरमा लगाकर ढांक देना मुझे सहरें की चादर से,
मय्यत उठाकर तुम मेरे बाराती बन जाना ।।
कांधें से कांधा मिलाकर सबके साथी बन जाना ।।
हंस कर विदा करना, न जज्बाती बन जाना ।।
.
सुरमा लगाकर ढांक देना मुझे सहरें की चादर से,
मय्यत उठाकर तुम मेरे बाराती बन जाना ।।
0 comments: