शुक्रवार, 6 नवंबर 2015

धर्म और राजनीती

“मज़हब नही सिखाता आपस में बैर रखना”
उपर्युक्त पंक्ति महाकवि इकबाल की है. उन्हने कहा था की कोई भी मज़हब आपस में बैर रखना नहीं सिखाता. कोई भी धर्म हमें बुराइयों की ओर नहीं ले जाता, हममें घृणा या कटुता की भावना नहीं जागृत करता।

आजकल राजनीति में भी धर्म के नाम पर चुनाव लड़े जाते हैं. कट्टर धर्मांध तथा सत्ता लालच के लिए लोग धर्म की नकारात्मक परिभाषा देके सीधे-सादे व्यक्तियों को गुमराह करते हैं. यह एक लोकतांत्रिक देश है और हर व्यक्ति की अपनी-अपनी इच्छा होती है,अपनी आस्था होती है अपने धर्म के प्रति. हम किसी को किसी भी धर्म को अपनाने के लिए दबाव नहीं डाल सकते. यह जानते हुए भी की इश्वर एक है, लोगों ने भांति-भांति के धर्म बनाये, आज तो ना जाने कितने धर्म हो गए हैं,फिर उस धर्म को राजनीति की मदद से, पैसों के मदद से,प्रचार प्रसार के मदद से लोगों जनता में उसका विमोचन किया जा रहा है. स्थिति आज यहाँ आ पहुंची है की इन्सान इंसानियत को भूल गया है और मात्र धर्म को अपना सब कुछ मानकर मर मिटने को तैयार है. एक ऐसा धर्म जो इंसान से इंसान को बांटे वो किस प्रकार का धर्म है? मानवता की रक्षा करना और एक ईमानदार मनुष्य बनना ही सर्वोच्च धर्म है पर यहाँ तो धर्म कहते ही- हिन्दू, इस्लाम. सिक्ख, ईसाई, पारसी, जैन, इत्यादि ना जाने और कितने ही धर्म ज़हन में आ जाते हैं पर जो वास्तविक अर्थ है धर्म का वह ढूंढने से भी नहीं मिल पाता.
आज यह स्थिति आ खड़ी हुई है की लोगों को धर्म बदलने पर पैसे दिए जा रहे हैं. हिन्दू बनने पर ५ लाख, ईसाई बनने पर २ लाख,इस्लाम धर्म के लिए १ लाख और सिक्ख के लिए ३ लाख. यह सब सुनकर ऐसा लगता है मानो जैसे कोई व्यापार किया जा रहा हो. इस स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत में जहाँ हर व्यक्ति को अधिकार है किसी भी धर्म को अपनाने का वहां धर्म बदलने के लिए जोर दिया जा रहा है. आज धर्मांतरण जैसा शब्द इतना बड़ा हो गया है की यह समझना कठिन हो जाता है की यह धर्मांतरण सही है या गलत? हिन्दू से इस्लामिक या ईसाई से हिन्दू बनने के लिए लोगों को न जाने कितने सवालों के जवाब देने पद रहे हैं. कई प्रमाण देने पद रहे हैं क्या यह सही है? साम्प्रदायिकता के नाम पर इतना बवाल क्या उचित है? इन पेचीदा सवालों का मन माफिक जवाब खोज पाना जरा कठिन है पर उम्मीद है की आने वाले कुछ दिनों में अगर इन विषयों पर निरंतर चर्चा की जाती रही तो जवाब जरुर मिलेगा.

Previous Post
Next Post

About Author

0 comments: