शनिवार, 9 अक्तूबर 2021

तुझे कसम है मेरी मौत पर

आज का ये जाम और मेरा आखिरी पैगाम मेरे महबूब के नाम...

मेरे दिल में थी तू और तेरा दिल खचाखच था
मेरी कमाई फिजूल तेरा खर्चा जायज था
क्या जायज था वो तेरा छोड़कर चले जाना
तुझे कसम है मेरी मौत पे जरूर आना

तूने मेरे ताने झेले मैंने तुझको झेला है 
मैंने सुबह 5बजे तक सोना बाबू खेला है
यार कि तेरे बड़ी गाड़ी बड़ा घर होगा 
मुझे यकीन है वो मुझसे तो बेहतर होगा
दवा दारू है मेरी और शहर मेय खाना
तुझे कसम है मेरी मौत पे जरूर आना
अगर है इश्क तुम्हें दूर भागती क्यों हो 
अगर नहीं है तो फिर छत से झांकती क्यों हो
फना हो जाऊंगा मैं आंखें सेकती रहना 
याद में मेरी तुम तस्वीर देखती रहना 
देखना एक दिन मर जाएगा यह दीवाना 
तुझे कसम है मेरी मौत पर जरूर आना
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