शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

मैंने तो सुन लिया था, और तुमने ?

शायर बशर नवाज़ साहब ने लिखा था करोंगे याद तो हर बात याद आएँगी. तुम्हे क्या क्या याद है. बताओ तो. मुझे तो सब कुछ याद है, तुम्हारा मुझे थामना, मेरे लिए चिंतित होना और हाँ, शायद मन के किसी कोने में मेरे अहसास को घर देना. ये सब बस हुआ है. हो गया है. ठीक उसी तरह से जैसे दुनिया के सबसे बड़े डायरेक्टर ने कहा होंगा. अब तुम ये करो और हम कर बैठे. ऐसे देखो और हमने देखा, ऐसे छुओ और हमने छुआ. और उसने ये भी कहा था कि प्रेम करो. मैंने तो सुन लिया था. और तुमने ?

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