शनिवार, 17 अक्तूबर 2015

मोदी

उफनता समंदर हूँ सारी लहरें झाड़ देता हूँ !!
छोटे-मोटे मोदी तो राह चलतें पछाड़ देता हूँ !!
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उखाड़ सको तो उखाड़ लो आ कर अंधभक्तो,
भरी महफिल में अपना झंडा गाड़ देता हूँ !!
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हिन्दी - उर्दू से जन्मा एक ऐसा तमाचा हूँ,
गलती से गाल छू लूँ तो उंगलियां उचाड़ देता हूँ !!
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शेरानी शख्सियत बाजू ए मर्दे मुजाहिद हूँ,
जहाँ पकड़ लूँ पाव-सेर गोश्त उखाड़ देता हूँ !!
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सुनामीयों का मालिक, तुफानों का शहंशाह हूँ,
हस्ती के साथ-साथ बस्ती उजाड़ देता हूँ !!
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Rahishpithampuri786@gmail.com

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