प्यार के गलियों में
जब भी तुझसे मेरा सामना हो गया
उस घड़ी मेरा 'मैं' लापता हो गया
तुमने भूले से नाम ए वफ़ा क्या लिया
मेरा जख्म ए जिगर फिर हरा हो गया
क़त्ल करते हैं जो पूछते हैं वही
कुछ तो कहिये तो क्या माजरा हो गया
दुश्मनों की तरफ से फिकर अब नहीं
दोस्ती में दग़ा सौ दफ़ा हो गया
इस जमाने में दिल की खैर हो
मौत का अब सरल रास्ता हो गया
जिसने दुनिया को जीता वो इंसान सरवर
जिसने खुद को ही जीता खुदा हो गया
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